25 हज़ार की घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया लेखपाल! चकबंदी अधिकारी पर भी FIR, एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई से हड़कंप



बरेली में 25 हजार की रिश्वत लेते लेखपाल रंगे हाथ गिरफ्तार, सहायक चकबंदी अधिकारी पर भी FIR, एंटी करप्शन टीम का ट्रैप।

संवाददाता शानू की रिपोर्ट


बरेली में रिश्वतखोरी का बड़ा खुलासा: 25 हज़ार की घूस लेते लेखपाल गिरफ्तार, अधिकारी पर भी FIR

बरेली शहर एक बार फिर से भ्रष्टाचार के मामले में सुर्खियों में है। इस बार भ्रष्टाचार का मामला चकबंदी विभाग से जुड़ा है, जहां lekhpal bribery केस में एंटी करप्शन टीम ने एक बड़ा ट्रैप ऑपरेशन चलाकर चकबंदी लेखपाल को bribe trap Bareilly में रंगे हाथ पकड़ लिया।

वारिसाना नामांतरण के बदले मांगी घूस, फरियादी ने की शिकायत

फरीदपुर के निवासी टंडन बाबू ने एंटी करप्शन संगठन को बताया कि उनकी मां, स्वर्गीय श्रीमती कलावती की मृत्यु के बाद, गांव गजनेरा (चक संख्या 128) की कृषि भूमि को वारिसाना नामांतरण के तहत उनके और भाइयों के नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही थी। इसी दौरान chakbandi lekhpal bribe demand करते हुए लेखपाल महावीर सिंह और सहायक चकबंदी अधिकारी भूरे सिंह ने 25 हज़ार रुपये की रिश्वत मांगी।

ट्रैप टीम ने रची सटीक रणनीति, तय समय पर धर दबोचा

4 अप्रैल 2025 को दोपहर 11:11 बजे, एंटी करप्शन टीम ने एक योजना के तहत अपना जाल बिछाया। टीम प्रभारी बब्बन खान के नेतृत्व में ट्रैप टीम ने चकबंदी लेखपाल महावीर सिंह को live bribe arrest Bareilly ऑपरेशन में उस वक्त रंगे हाथ पकड़ा, जब वह टंडन बाबू से रुपये ले रहा था।

आरोपी का पूरा पता, और कैसे हुई गिरफ्तारी

महावीर सिंह, पुत्र स्व. श्यामलाल, निवासी ग्राम जसरथपुर, थाना बिलारी, जिला मुरादाबाद है। वर्तमान में वह बरेली के सुभाष नगर स्थित गली नंबर 01, चंद्रबटी वैंकेट हॉल के सामने रहता है। गिरफ्तारी Sadar Chakbandi Office Gate के पास की गई, जहां वह फरियादी से रिश्वत की रकम लेने आया था।

एक नहीं, दो सरकारी कर्मियों पर दर्ज हुआ केस

महावीर सिंह के अलावा सहायक चकबंदी अधिकारी भूरे सिंह को भी आरोपी बनाया गया है। दोनों के खिलाफ Bareilly Corruption FIR दर्ज कर ली गई है। कोतवाली बरेली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत IPC की कई धाराओं में केस पंजीकृत किया गया है।

एंटी करप्शन सेल ने कैसे की तैयारी

शिकायत के बाद, Anti Corruption Trap Operation Bareilly के अंतर्गत एक विशेष टीम बनाई गई थी। सीओ एंटी करप्शन के निर्देश पर योजना बनी और फिर ट्रैप को अंजाम दिया गया। टीम के सदस्यों ने पूरे ऑपरेशन की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की, जो न्यायालय में अहम सबूत के तौर पर पेश की जाएगी।

रिश्वतखोरी पर सरकार सख्त, लेकिन अधिकारी नहीं सुधरे

उत्तर प्रदेश सरकार भले ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठा रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत अब भी चिंताजनक बनी हुई है। Bribe in Land Mutation Process अब भी आम लोगों को परेशान कर रहा है। इस ताज़ा घटना ने यह साबित कर दिया कि कैसे अधिकारी अब भी खुलेआम रिश्वत लेने से नहीं हिचकिचाते।

स्थानीय लोगों में आक्रोश, न्याय की मांग

गांव गजनेरा समेत फरीदपुर और बरेली के आसपास के क्षेत्रों में इस घटना के बाद लोगों में जबरदस्त आक्रोश देखा गया। लोगों ने मांग की कि ऐसे bribery accused officers को केवल सस्पेंड नहीं, बल्कि नौकरी से बर्खास्त किया जाए और जेल भेजा जाए।

क्या कहती है भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम?

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत रिश्वत लेना या देना दोनों ही अपराध हैं। इस अधिनियम के तहत आरोपी को 3 से 7 साल तक की सजा और आर्थिक दंड का प्रावधान है। इस केस में लेखपाल और अधिकारी दोनों पर यही धाराएं लगाई गई हैं।

जिलेभर के चकबंदी अधिकारियों पर नजर

इस घटना के बाद अब Bareilly Chakbandi Office और अन्य ज़िलों के चकबंदी अधिकारियों की जांच की मांग उठने लगी है। कई सामाजिक संगठनों और ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर पूरे विभाग की जांच की मांग की है।

मीडिया के सामने एंटी करप्शन टीम का बयान

टीम प्रभारी बब्बन खान ने बताया, “यह ऑपरेशन पूरी तरह से ट्रैप था, जिसमें आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा गया। हम सबूतों के साथ कोर्ट में पेशी करेंगे और सख्त सजा की मांग करेंगे।”

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