बरेली में महिला पुलिस कर्मी के बेटे की फिजियोथेरेपी के दौरान टूटी कूल्हे की हड्डी, डॉक्टर समेत तीन पर FIR, मामला गर्माया।
संवाददाता शानू की रिपोर्ट
फिजियो सेंटर बना दर्द का घर: महिला कांस्टेबल के बेटे की हड्डी तोड़ी, FIR से हड़कंप
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली शहर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां फिजियोथेरेपी के नाम पर एक 16 वर्षीय किशोर के साथ हुई लापरवाही ने उसके जीवन को तकलीफों से भर दिया। महिला पुलिस कर्मी का बेटा मामूली पैर दर्द की शिकायत लेकर फिजियोथेरेपी सेंटर पहुंचा था, लेकिन वहां उसे ऐसी दर्दनाक थेरेपी दी गई कि उसका कूल्हा ही टूट गया। इस मामले में फिजियोथेरेपिस्ट और उसके कथित "अनट्रेंड" सहायक के खिलाफ अब एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
रात 9 बजे पहुंचा था फिजियो सेंटर, बाहर निकला सहारे से
पीलीभीत में पुलिस इंटेलिजेंस विभाग में तैनात हेड कांस्टेबल रोशनी शुक्ला अपने बेटे अस्तित्व शुक्ला के साथ 17 मार्च की रात करीब 9 बजे बरेली के बीसलपुर चौराहा स्थित Pranshul Physiotherapy Centre पहुंचीं। सेंटर हेड डॉ. जितेंद्र मौर्य ने स्वयं देखने के बजाय केस अपने सहायक को सौंप दिया, जिसे लेकर अब गंभीर आरोप लगे हैं कि वह प्रशिक्षित नहीं था।
CCTV Footage बना सबूत: दर्द लेकर गया, चल नहीं पाया
पीड़िता रोशनी शुक्ला ने बताया कि जब वह बेटे को लेकर सेंटर गईं, तब वह खुद चलकर अंदर गया था। लेकिन थेरेपी के बाद वह सहारे के बिना खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। दर्द से तड़पते हुए उसे बाहर लाया गया और जब उन्होंने इसका विरोध किया तो डॉक्टर ने बात को टाल दिया।
थेरेपी या यातना? सहायक ने गलत मूवमेंट से तोड़ी हड्डी
रोशनी का आरोप है कि डॉक्टर जितेंद्र अन्य मरीजों से बातचीत में व्यस्त थे और उनका सहायक बिना अनुभव के उनके बेटे की थेरेपी कर रहा था। उसने गलत मूवमेंट कर दी, जिससे hip bone fracture हो गया। दर्द से कराहते बेटे के बावजूद डॉक्टर और सहायक लगातार पैर और कूल्हा मोड़ते रहे।
SRMS मेडिकल रिपोर्ट में खुला राज, तीन लाख से ज्यादा खर्च
तेज दर्द और चलने में असमर्थता के बाद अस्तित्व को तुरंत बरेली के प्रतिष्ठित SRMS Institute ले जाया गया। मेडिकल जांच में सामने आया कि कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर है। इसके बाद मेडिकल कॉलेज में करीब ₹3.5 लाख खर्च कर इलाज करवाना पड़ा।
पुलिस ने नहीं सुनी फरियाद, IG को दी शिकायत, FIR दर्ज
शुरुआत में पीड़ित परिवार ने Baradari Police Station में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद रोशनी शुक्ला ने Inspector General (IG) से शिकायत की। IG के आदेश पर बारादरी पुलिस ने डॉक्टर जितेंद्र मौर्य और दो अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है।
नामजद हुए आरोपी, जांच शुरू: फिजियोथेरेपी सिस्टम पर उठे सवाल
डॉक्टर जितेंद्र मौर्य समेत तीन लोगों के खिलाफ IPC की गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। यह मामला केवल एक चिकित्सकीय लापरवाही नहीं, बल्कि पूरे फिजियोथेरेपी सिस्टम पर सवाल खड़े करता है, जहां बिना ट्रेनिंग के सहायक लोगों के शरीर से खिलवाड़ कर रहे हैं।
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