जौनपुर के गोहका गांव में भीषण आग से दो बीघा गेहूं की फसल जलकर राख, किसानों पर टूटी मुसीबत, मुआवजे की आस।
इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट
गोहका गांव में खेत में लगी भीषण आग, दो बीघा गेहूं की खड़ी फसल जलकर राख
मछली शहर (जौनपुर)। खेतों में लहलहाती गेहूं की फसल पर किसानों के अरमान उस वक्त जलकर राख हो गए जब गोहका गांव में दोपहर के समय अचानक आग लग गई। इस आगजनी की घटना ने किसानों की सालभर की मेहनत पर पानी फेर दिया। देखते ही देखते खेत में खड़ी दो बीघा गेहूं की फसल भीषण आग की चपेट में आकर जलकर खाक हो गई। तेज हवा ने आग को और भी विकराल बना दिया, जिससे ग्रामीण कुछ ही पलों में लाचार हो गए।
धुएं से मचा हड़कंप, आग ने ली विकराल रूप
गांव के सभाजीत गिरी और सदाशिव गिरी के खेतों से अचानक धुआं उठता देख ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। दोपहर करीब 12 बजे उठे इस धुएं ने कुछ ही देर में तेज हवा के साथ विकराल आग का रूप ले लिया। जब तक गांव के लोग कुछ समझ पाते तब तक आग ने दो बीघा गेहूं की खड़ी फसल को अपनी चपेट में ले लिया। किसान व ग्रामीण बाल्टी, पाइप और अन्य साधनों से आग बुझाने में जुट गए, परंतु हवा की रफ्तार ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया।
ग्रामीणों की जद्दोजहद के बाद काबू में आई आग
गांव वालों ने अपनी जान की परवाह किए बिना घंटों मशक्कत कर किसी तरह आग पर काबू पाया। समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता तो आसपास की और भी फसलें जलकर राख हो सकती थीं। आग लगने की सूचना पाते ही दमकल की टीम भी मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के साथ मिलकर आग को पूरी तरह बुझा दिया गया।
आग लगने का कारण अब भी बना रहस्य, किसान सदमे में
आग लगने के पीछे का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। किसी ने शरारतन आग लगाई या यह हादसा था, इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। इस घटना से प्रभावित किसान सभाजीत गिरी और सदाशिव गिरी समेत पूरे गांव के किसानों में मायूसी छा गई है। जिन किसानों की फसल जलकर राख हो गई है, उनके चेहरों पर चिंता और सदमे के गहरे भाव साफ दिखाई दे रहे हैं। किसान अब मुआवजे की आस लगाए बैठे हैं।
खेत में जली फसल देख छलके किसानों के आंसू, सरकार से मदद की आस
इस हादसे ने किसानों की कमर तोड़ दी है। सालभर की मेहनत से उगाई गई गेहूं की फसल जब खेत में ही जलकर राख हो गई तो किसान सभाजीत गिरी और सदाशिव गिरी का दुख छलक उठा। किसानों ने सरकार से तत्काल आर्थिक मदद और मुआवजे की मांग की है। किसान परिवारों की निगाहें अब प्रशासन और जिला प्रशासन की ओर टिकी हुई हैं। गांव के लोगों ने मामले की सूचना स्थानीय लेखपाल और ग्राम प्रधान को दे दी है, लेकिन अब किसानों को राहत का इंतजार है।
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